महाकुंभ का आयोजन हर 144 वर्ष में एक बार होता है जो इस वर्ष उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहा है l प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक रहेगा , इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे l

प्रयागराज महाकुंभ 2025
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया उसके परिणाम स्वरुप अमृत की प्राप्ति हुई l
ऐसी मान्यताएं हैं की धरती के चार स्थानों पर इस अमृत के कुछ बूंदे गिरी l तभी से यहां कुंभ के पर्व का आयोजन होता है l चारो स्थानो में प्रयागराज, हरिद्वार , नासिक और उज्जैन है चारों स्थान में भगवान शंकर के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना होती है l
कुंभ के प्रकार
कुंभ मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
1. अर्ध कुंभ यह हर 6 साल में एक बार आयोजित होता है l
2. पूर्ण कुंभ इसका आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है l
3. महाकुंभ यह 144 वर्षों में एक बार आयोजित होता है , महाकुंभ सबसे बड़ा कुंभ मेला होता है l

कुंभ आयोजन के स्थान
कुंभ मेले का आयोजन चार स्थानों पर किया जाता है हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से जब अमृत की प्राप्ति हुई ,तब इन्हीं चार स्थानों प्रयागराज , हरिद्वार , उज्जैन एवं नासिक पर अमृत की बूंदे गिरी l इसलिए इन्हीं स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है l
- प्रयागराज
भारत की उत्तर प्रदेश राज्य में प्रयागराज नाम का नगर स्थित है l यह नगर तीन नदियों के संगम स्थान पर है वह तीन नदियां हैं गंगा जमुना सरस्वती , सरस्वती नदी भूमिगत या लुप्त है इसलिए संगम क्षेत्र में केवल गंगा और यमुना नदी को ही देखा जा सकता है l यहां इस साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना हैl - हरिद्वार
भारत के उत्तराखंड राज्य में शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में गंगा नदी के किनारे एक नगर स्थित हैl जिसे हरिद्वार कहा जाता है, यह हिंदू मान्यताओं के अनुसार एक पवित्र स्थान माना जाता है यहां भी कुंभ का आयोजन होता हैl - उज्जैन
भारत के मध्य प्रदेश में उज्जैन नमक जिले के अंदर उज्जैन नगर स्थित है l यह नगर शिप्रा नदी के तट पर है l यहां श्री महाकालेश्वर और श्री ओंकारेश्वर जैसे प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर स्थित है l यहां हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है l - नासिक
भारत के महाराष्ट्र राज्य में गोदावरी नदी के तट पर नासिक नामक नगर स्थित है l यह नगर अपने अंगूरों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है यहां हर 12 साल में एक बार कुंभ का आयोजन होता है l
कुंभ का महत्व
कुंभ मेले के बहुत से महत्व है शास्त्रों में कहा जाता है की कुंभ में स्नान और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं सभी पापों का नाश हो जाता है l कुंभ स्नान से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान एवं मानसिक शांति की प्राप्ति होती है l

प्रयागराज महाकुंभ 2025 शाही स्नान की तिथियां
- 13 जनवरी : महाकुंभ का प्रथम शाही स्नान पोस्ट पूर्णिमा यानी 13 जनवरी 2025 को है l
- 14 जनवरी : 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति है तथा इसी दिन महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान है l
- 29 जनवरी : 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ का सबसे बड़ा शाही स्नान होगा क्योंकि इस दिन मौनी अमावस्या है l
- 3 फरवरी : महाकुंभ में चौथा शाही स्नान 3 फरवरी 2025 को होगा इस दिन बसंत पंचमी है l बसंत पंचमी में ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना की जाती है l
- 12 फरवरी : 12 फरवरी 2025 को मांगी पूर्णिमा है तथा इस din महाकुंभ का पांचवा शाही स्नान होगा l
- 26 फरवरी : महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान महाशिवरात्रि के दिन यानी 26 फरवरी 2025 को हैl

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प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025
महाकुंभ का आयोजन हर 144 वर्षों में एक बार होता है, जो इस बार 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होगा l इस महापर्व में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे l प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है l
प्रयागराज महाकुंभ 2025 बजट ( budget )
प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए राज्य सरकार द्वारा 7500 करोड रुपए का बजट की घोषणा की गई है , इसमें केंद्र सरकार का भी योगदान शामिल है l इस बजट का उपयोग यातायात सुविधा बढ़ाने, आयोजन में सुरक्षा , श्रद्धालुओं की सुविधा व आयोजन की बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा l
प्रयागराज महाकुंभ 2025 से कमाई ( Revenue )
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ पर्यटकों के आने हनुमान है l इस आयोजन से उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख करोड रुपए की कमाई होने का अनुमान है, इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ी वृद्धि होगी l
प्रयागराज महाकुंभ 2025 समापन
प्रयागराज महाकुंभ 13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा को शुरू होकर 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ समाप्त हो जाएगा l 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन होगा l
निष्कर्ष
प्रयागराज महाकुंभ 2025 एक बहुत ही बड़ा आयोजन है l यह 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि के दिन समाप्त हो जाएगा जिसमें बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे l